स्वामी विवेकानंद जी का संक्षिप्त जीवन परिचय (Swami Vivekananda - Brief Life History)

स्वामी विवेकानंद जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को एक कायस्थ परिवार में हुआ। वे अपने माता-पिता की छठी संतान थे। स्वामी विवेकानंद जी का बचपन का नाम नरेन्द्र दत्त था। सन् 1882 में दक्षिणेश्वर काली मंदिर में श्री राम कृष्ण परमहंस को अपना आध्यात्मिक गुरू माना। 1 मई 1893 में उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की।

तीव्र बुद्धि के धनी स्वामी विवेकानंद को सिर्फ एक बार पढ़ने के पश्चात् ही सैंकड़ों पन्नों की पुस्तक कंठस्थ याद हो जाती थी। इन्होंने स्ण्स्ण्ठण् यानि कानून की पढ़ाई कर रखी थी। फिर भी पूर्ण सतगुरू के बिना अध्यात्म ज्ञान अधूरा ही रहा। काली माता की पूजा तथा श्री कृष्ण जी की पूजा शास्त्राविरूद्ध विधि से करके मानव जीवन के मूल उद्देश्य पूर्ण मोक्ष प्राप्ति से वंचित रहे।

असाध्य रोग के कारण सन् 1902 में मात्र 39 वर्ष की अल्प आयु में परलोक सिधार गए। इनके गुरू जी श्री राम कृष्ण परमहंस जी भी गले की कैंसर के कारण मृत्यु को प्राप्त हुए थे। श्री राम कृष्ण परमहंस जी काली देवी के परम भक्त थे। इसके साथ राम तथा कृष्ण अवतारों की भी भक्ति करते-कराते थे। स्वामी विवेकानंद जी भी अपने गुरू जी द्वारा बताई वही भक्ति किया करते थे। दोनों ही रोग के कारण मृत्यु को प्राप्त हुए। यथार्थ भक्ति से वंचित रहकर दोनों का मानव जीवन व्यर्थ गया।

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